Chota Bheem Review: छोटा भीम की कहानी कोई नई नहीं है। यह एनिमेशन फिल्म के माध्यम से पहले ही बच्चों के दिलों में बस चुकी है, लेकिन अब लाइव एक्शन फिल्म के जरिए इसे एक नए अंदाज में पेश किया गया है।
इस फिल्म में छोटा भीम अपने दोस्तों के साथ मिलकर दम्यान के आतंक को रोकने की कोशिश करता है। इस मिशन में गुरुजी के रूप में अनुपम खेर उसकी मदद करते हैं। हालांकि, तकनीकी नजरिया से फिल्म उतनी प्रभावशाली नहीं हो पाई है।
हिंदी सिनेमा में बच्चों के लिए बनी फिल्में अक्सर दिखाई नहीं देतीं हैं। वे उन फिल्मों को पसंद करते हैं जिनमें प्रसिद्ध किरदार होते हैं। 'छोटा भीम एंड द कर्स आफ दम्यान' (Chota Bheem And The Curse Of Damyaan) (Chota Bheem Review) ऐसी लाइव एक्शन सुपरहीरो फिल्म है जो 2012 में रिलीज हुई एनिमेटेड फिल्म 'छोटा भीम एंड द कर्स आफ दम्यान' की रीमेक है।
Chota Bheem Review - तकनीक में मात गई छोटा भीम
Chota Bheem Review: फिल्म के विजुअल इफेक्ट्स औसत स्तर के हैं। टुनटुन मौसी के लड्डू, जिन्हें खाने से छोटा भीम को शक्ति मिलती है, का प्रदर्शन नहीं काफी अच्छा है। जेल में एक लड्डू वाला सीन है, लेकिन वह उतना मनोरंजक नहीं है। भीम के साहसी काम पर बजता है "छोटा भीम छोटा भीम..." का गाना, लेकिन उसमें भी कुछ खासी नहीं है। यज्ञ भसीन ने भीम की भूमिका में स्क्रिप्ट के माध्यम से अच्छा काम किया है, लेकिन उनकी बात करने की ऊर्जा में कमी महसूस होती है। अनुपम खेर जादूगर के रोल में अच्छे लगते हैं। स्कंदी के रूप में मकरंद देशपांडे मजेदार हैं।
गुलाब चाचा की भूमिका में मुकेश छाबड़ा और तक्षिका बनी नवनीत ढिल्लन का प्रभाव अधिक खास नहीं है। आश्रिया मिश्रा (छुटकी), कबीर साजिद (कालिया), और अद्विक जायसवाल (राजू) की अद्वितीय प्रस्तुति की जाती है। ढोलू-भोलू के किरदार में दिव्यम डावर, दैविक डावर का काम मुस्कान लाता है।
सब्र का इम्तिहान लेती छोटा भीम
इस फिल्म की कहानी एनिमेटेड फिल्म से बहुत अलग नहीं है, लेकिन फर्क यह है कि उस फिल्म में एनिमेशन के जरिए दृश्य आसानी से दिखाए जा सकते हैं, जो कलाकारों के साथ लाइव एक्शन फिल्म में कठिनाई से दिखाए जाते हैं।
फिल्म की कहानी लेखक नीरज विक्रम और श्रीदिशा दिलीप ने बच्चों की समझ को ध्यान में रखकर ही लिखी है, जिसमें जम जम जंबूरा बोलकर छोटा भीम सबको भविष्य में ले जाना हो या कालिया के वन लाइनर्स हों, तो काफी मजेदार लगते हैं।
कास्टिंग की तारीफ बनती है, क्योंकि अब तक एनिमेशन में ही दिखे भीम, राजू, छुटकी, कालिया, जग्गू, ढोलू-भोलू के साथियों के चेहरे फिल्म में दिखाई देते हैं।
इस फिल्म की अवधि की समस्या है, जो बच्चों को एक जगह बिठाए रखने के लिए बहुत लंबी है। बिना वजह के गाने, क्लाइमेक्स की लंबाई को कम करके इसे दो घंटे में समेटा जा सकता था।
जानिए क्या है छोटा भीम की कहानी?
कहानी शुरू होती है जब राक्षस दम्यान, जो एक हजार साल से सोनापुर शहर के जमीन के नीचे बंद है, एक श्राप के कारण ज़मीन में बंद है। उसे बाहर लाने के लिए एक निर्मल और वीर योद्धा की आवश्यकता है। वह योद्धा हैं भीम (यज्ञ भसीन)। दम्यान के रक्षक तक्षिका (नवनीत ढिल्लन) और स्कंदी (मकरंद देशपांडे) एक व्यापारी को लूटकर ढोलकपुर के राजा इंद्रवर्मा (संजय बिश्नोई) के पास ले जाते हैं।
भीम के शहर ढोलकपुर की फसलों की जलने से राजा परेशान हैं। स्कंदी और तक्षिका उन्हें सलाह देते हैं कि सोनापुर शहर की खोज करें, जहां से बहुत सोना मिल सकता है। भीम और उसके दोस्त राजा के साथ सोनापुर जाते हैं। अनजाने में, भीम दम्यान को श्राप से मुक्त कर देता है।
परिस्थितियाँ ऐसी होती हैं कि दम्यान को पराजित करने के लिए भीम और उसके दोस्तों को हजार साल पुराने समय में चलना पड़ता है, ताकि वे दम्यान को अमरता से बाधित कर सकें। वहां, उनकी मुलाकात जादूगर गुरु शंभू (अनुपम खेर) और गुलाब चाचा (मुकेश छाबड़ा) से होती है। क्या भीम और उसके दोस्त दम्यान को हरा पाएंगे, यह कहानी आगे बढ़ती है।
Read More: